
राकेश कुमार साहू की रिपोर्ट
Hindtimes news रायगढ़। शहर में सिटी बसों के परिचालन की योजना अधर में लटकी हुई है। योजना के तहत शहर को मिली 15 बसों में से बमुश्किल चार बसों का परिचालन ही नगर निगम कर पा रहा है। चारों बसें आउटर में संचालित हो रही हैं। बताया जा रहा है कि कुछ बिलासपुर रिपेयरिंग के लिए गई थी, जिन्हें लाया ही नहीं गया है तो वहीं दो बसें थाने में खड़ी है। उन्हें छुड़ाने के लिए भी कोई प्रयास नहीं हो रहा है। ऐसे में लोकल में आने जाने के लिए आटो का मनमाना किराया देना पड़ रहा है जिससे शहरवासियों की जेबें ढीली हो रही हैं।
राज्य शहरी अभिकरण योजना के तहत नगरीय निकायों में सिटी बसों के परिचालन की योजना बनाई गई थी। रायगढ़ व जांजगीर जिले को मिलाकर एक क्लस्टर तैयार किया गया था जिसमें 23 सिटी बसें भेजी गई थी। योजना के तहत 15 बसों का परिचालन रायगढ़ में और आठ बसें जांजगीर में चलाई जानी थी। लेकिन शुरुआती दौर से ही बस आपरेटरों के साथ दरों को लेकर एक राय नहीं बनने की वजह से बसों का परिचालन सही ढंग से नहीं हो सका। बसें डिपो में पड़े-पड़े कबाड़ होने लगी। पूर्ववर्ती सरकार में नगर निगम को बसों के मेंटेनेंस के लिए 80 लाख रुपए शासन की ओर से दिए गए थे। वहीं बसों को मेंटेनेंस व मरम्मत के लिए बिलासपुर भेजा गया था।दस महीने से भी अधिक का समय बीत गया, लेकिन अब तक दो बसें वापस ही नहीं आ पाई हैं। वहीं दुर्घटना होने के कारण दो बसें जिले के अलग-अलग थानों में खड़ी हैं। इधर निगम किसी तरह चार बसों का परिचालन कर रहा है वो भी सरिया, बरमकेला, तमनार जैसे रुट में चल रही हैं। ऐसे में शहरवासियों को सिटी बसों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। योजना के तहत बसों को रेल्वे स्टेशन, ट्रांसपोर्ट नगर बस स्टैंड, मेडिकल कालेज, बायपास इत्यादि रुट पर चलना था लेकिन बसों के न होने से परिचालन पूरी तरह बंद हो गया है। ऐसे में आम लोगों को महंगा आटो किराया देकर शहर में आवागमन करना पड़ रहा है जबकि सिटी बसों का परिचालन रियायती दर पर आवागमन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
क्या कहते हैं उपेन्द्र
बसें इतनी कंडम हो चुकी हैं कि इनका परिचालन संभव नहीं है। बिलासपुर से चार गाड़ी बन कर आई है तथा दो गाड़ी आज भी बिलासपुर में ही है। इन बसों की कोई खोज खबर नहीं है। वहीं जो बन कर आई थी वह भी कंडम हो गई है। इसके अलावा दो बसें थानों में खड़ी है, जिसमें से एक बस घरघोड़ा में है तो दुसरी रायगढ़ थाने में विगत दस दिनों से खड़ी है। वर्तमान में मात्र दो बसें चल रही है बाकि गाडिय़ां चलाने की स्थिति में नहीं है। जब तक बसों की रिपेयरिंग नहीं होगी तब तक बसों का संचालन नहीं हो सकता।
– उपेन्द्र सिंह, बस आपरेटर क्या कहते हैं विकास
बसों की कमी की वजह से शहर में सिटी बसें नहीं चल पा रही है। बसों के मेंटेनेंस के लिए बिलासपुर भेजा गया था। तीन बसें वापस आ चुकी हैं। जल्द अन्य बसों की मरम्मत कराई जाएगी। नगर निगम की ओर से प्रयास किया जा रहा है कि जल्द ही बसें बन कर आ जाए और शहर के प्रमुख मार्गों पर फिर से बसों को चलाया जायेगा।
– विकास ठेठवार
प्रभारी लोक कर्म विभाग, नगर निगम
