राकेश कुमार साहू की रिपोर्ट
Hindtimes news बलौदा थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम बिरगहनी चंदनिया सीपत दहकोनी तथा पाली आदि गांवों के लगभग दस लोगों के साथ नौकरी दिलाने के नाम पर मोटी रकम ऐंठ कर जालसाज चांपा के अपने घर में आराम कर रहा है और ठगे गये लोग परिवार वालों से मुंह छिपाते फिर रहे हैं ।बताया जा रहा है कि दौलत दास , हेमा पात्रे , अजय बिंझवार, दीपक, चंद्रप्रकाश केंवट और अन्य दस लोगों को साईं ट्रस्ट बेबी फुडस कंपनी में डायरेक्टर और ब्लाक कोआर्डिनेटर की नौकरी दिलाने के नाम पर चांपा सिंचाई कालोनी वार्ड नं 25 चांपा निवासी अनिल श्रीवास और उसकी पत्नी स्वाती श्रीवास ने 2021 में अपने बातों के जाल में फंसाकर दस लोगों से कुल 42 लाख रुपए ठग लिए उसके बाद उन्हें घुमाया जाने लगा । जब पीड़ितो द्वारा अनिल श्रीवास को फोन किया जाता है तो अनिल श्रीवास और उसकी पत्नी स्वाती श्रीवास द्वारा गंदी -गंदी गाली दी जाती है और जान से मारने की धमकी भी दी जाती है और यह भी दावा किया जाता है कि पूरे जिले की पुलिस मेरी मुट्ठी में है । थक-हार कर हेमा पात्रे सहित दसो पीड़ितो ने बलौदा थाना एफआईआर कराने पहुंचे तो उन्हें कथन , बैंक डिटेल आदि के नाम पर महीने भर घुमाया गया लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है ।
आखिर क्यों दर्ज नहीं किया जा रहा है एफआईआर
42 लाख जैसी बड़ी रकम की ठगी पर बलौदा थाना में एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है। इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला ने पूछे जाने पर कहा कि मैं इस विषय में जानकारी लेता हूं परंतु आज तक इस विषय में न कोई जानकारी ली गई न ही कोई कार्रवाई हुई है जबकि पीड़ितो के पास बैंक डिटेल मौजूद हैं और फोन पर हुई बातों की रिकार्डिंग मौजूद है तो आखिर इतने बड़े ठग से सहानुभूति क्यों , आखिर इतने बड़े ठगी मामले में बलौदा थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने में पेट ही नहीं दिल और दिमाग भी साथ क्यों नहीं दे रहा है। ठगराज से बलौदा टी आई की सहानुभूति यूं ही नहीं होगी बल्कि बलौदा थाना प्रभारी जो डीजल चोरों , जुआ , शराब , रेत माफियाओं के करीबी माने जाते हैं, उन्होंने अगर जालसाज अनिल श्रीवास से दोस्ती कर ली हो तो आश्चर्य नहीं है परंतु आश्चर्य इस बात का जरूर है कि जिला पुलिस अधीक्षक विवेक शुक्ला को इस बात से अवगत कराये जाने पर भी उन्होंने इस विषय में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है बताया यह भी जा रहा है कि अनिल श्रीवास से ठगे लोग सक्ती , जांजगीर बिलासपुर में और भी है
मैं जानकारी लेता हूं
विवेक शुक्ला जिला पुलिस अधीक्षक जांजगीर
हम फ़ोन करते हैं तो हमें गाली-गलौज और जान से मारने की धमकी दी जाती है और अनिल श्रीवास दावा करता है कि जिले की पुलिस मेरी मुट्ठी में है मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
पीड़ित, हेमा पात्रे अजय बिंझवार चंद्रप्रकाश केवट दीपक और अन्य।
हमारे संवाददाता राकेश कुमार साहू ने बताया कि इस तरह की घटनाएं हो जाने के बाद भी शासन प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार की शिकायतकर्ता के प्रति संवेदना नहीं दिखाई जाती यही विडंबना की बात है छत्तीसगढ़ शासन के पुलिस विभाग सुस्त कार्यवाही करती है।
तथा अपराधियों को खुला संरक्षण प्राप्त होता है जिसकी वजह से अपराध घटित होते रहते हैं।
ब्यूरो चीफ राकेश कुमार साहू जांजगीर चांपा







