विमल कांत की रिपोर्ट
Hindtimes news बिलासपुर।मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र में धान खरीदी की प्रक्रिया को लेकर किसानों की समस्याएं लगातार सामने आ रही हैं। अधिकांश धान खरीदी केंद्रों में प्रतिदिन धान खरीदी की लिमिट कम होने के कारण न केवल किसान परेशान हैं, बल्कि खरीदी केंद्रों के प्रबंधकों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी गंभीर समस्या को लेकर जिला पंचायत सदस्य दामोदर कांत ने कलेक्टर बिलासपुर को ज्ञापन सौंपते हुए प्रतिदिन धान खरीदी की लिमिट 2000 क्विंटल करने की मांग की है।ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि वर्तमान में धान खरीदी केंद्रों में निर्धारित लिमिट अत्यंत कम है, जिसके चलते बड़ी संख्या में किसान अपने धान की बिक्री समय पर नहीं कर पा रहे हैं। किसान सुबह से ही खरीदी केंद्रों में लाइन लगाकर खड़े रहते हैं, लेकिन लिमिट पूरी हो जाने के कारण उन्हें बिना धान बेचे लौटना पड़ता है। इससे किसानों में आक्रोश के साथ-साथ मानसिक और आर्थिक तनाव भी बढ़ रहा है।
दामोदर कांत ने बताया कि मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र मुख्यतः कृषि प्रधान क्षेत्र है, जहां अधिकांश किसान धान की खेती पर निर्भर हैं। इस वर्ष अच्छी फसल होने के बावजूद खरीदी लिमिट कम होने के कारण लक्ष्य के अनुरूप धान खरीदी नहीं हो पा रही है। कई खरीदी केंद्र अपने निर्धारित लक्ष्य से पीछे चल रहे हैं, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
ज्ञापन में यह भी कहा गया है कि यदि प्रतिदिन धान खरीदी की लिमिट को बढ़ाकर 2000 क्विंटल कर दिया जाता है, तो किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे न केवल भीड़ की समस्या कम होगी, बल्कि तय समय सीमा के भीतर अधिक से अधिक किसानों का धान खरीदा जा सकेगा। साथ ही खरीदी केंद्रों पर कार्यरत कर्मचारियों और प्रबंधकों को भी बेहतर ढंग से व्यवस्था संचालन में सुविधा होगी।
दामोदर कांत ने कलेक्टर से आग्रह किया कि किसानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र निर्णय लिया जाए। उन्होंने कहा कि धान खरीदी शासन की प्राथमिकता में शामिल है और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य समय पर मिलना चाहिए। लिमिट बढ़ाने से शासन के लक्ष्य की पूर्ति भी समय पर हो सकेगी और किसानों में भरोसा कायम रहेगा।
ज्ञापन सौंपने के दौरान यह भी मांग की गई कि खरीदी केंद्रों पर आवश्यक संसाधनों, जैसे बारदाना, स्टाफ और परिवहन व्यवस्था को भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जाए, ताकि खरीदी प्रक्रिया सुचारु रूप से चल सके।किसानों और जनप्रतिनिधियों को उम्मीद है कि जिला प्रशासन इस मांग पर सकारात्मक निर्णय लेते हुए धान खरीदी की प्रतिदिन की लिमिट 2000 क्विंटल करेगी, जिससे मस्तूरी विधानसभा क्षेत्र के हजारों किसानों को राहत मिल सकेगी।







