विमल कांत की रिपोर्ट
Hindtimes news 24×7 मस्तूरी।ग्राम पंचायत जयरामनगर में हर सोमवार को लगने वाले साप्ताहिक बाजार की नीलामी बीते चार महीनों से नहीं हो सकी है। पंचायत चुनाव और उसके बाद सचिव संघ की हड़ताल के चलते नीलामी की प्रक्रिया रुकी रही।इस दौरान मार्च, अप्रैल, मई और जून में बाजार से लगभग दो लाख रुपए की वसूली की गई, लेकिन यह राशि अब तक पंचायत खाते में जमा नहीं की गई है।

पंचायत के सरपंच व कुछ पंचों द्वारा की जाती है, लेकिन इसका कोई स्पष्ट हिसाब पंचायत को नहीं दिया गया, जिससे ग्राम पंचायत के अन्य पंचों में नाराजगी है। पंचों का कहना है कि पंचायत क्षेत्र में नाली, सड़क, नल, बोर और स्ट्रीट लाइट जैसी कई मूलभूत सुविधाएं महीनों से खराब पड़ी हैं। इनके मरम्मत के लिए बार-बार सरपंच और सचिव से आग्रह किया गया, लेकिन हर बार फंड की कमी का हवाला देकर बात टाल दी गई। पंचों को उम्मीद थी कि बाजार नीलामी की राशि से विकास कार्यों को गति मिलेगी, लेकिन नीलामी न होने और वसूली की राशि का हिसाब न मिलने से काम अधर में लटके हुए हैं। जयरामनगर बाजार में खैरा,खुडुभाठा, पाराघाट,भनेशर, रलिया, भिलाई , परसदा, बेलटुकरी, सहित कुल 10 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण और व्यापारी खरीदारी करने आते हैं। बीते सत्र में बाजार की नीलामी दो लाख रुपए से अधिक में हुई थी। इस बार नीलामी न होने से पंचायत को आर्थिक नुकसान हो रहा है।जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को लेकर मस्तूरी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को लिखित शिकायत सौंपी है। शिकायत में कहा गया है ,कि वसूली का हिसाब न देने से पंचायत की योजनाएं प्रभावित हो रही हैं। पंचों ने जल्द नीलामी कर विकास कार्य शुरू करने की मांग की है।जयरामनगर पंचायत सचिव कैलाश पटेल ने बताया कि नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा आदेशित भी किया गया है, अभी पंचायत की सहमति से वैकल्पिक व्यवस्था से बाजार की वसूली की जा रही है, पंचायत के जनप्रतिनिधियों से सहमति बनाकर नीलामी की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।मुख्य कार्यपालन अधिकारी मस्तूरी जे आर भगत ने छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 80 के प्रावधानुसार दिनांक 13/05/25 को सचिव सरपंच को लेटर जारी करते हुए ग्राम पंचायत में आय का श्रोत बढ़ाने के लिये ग्राम पंचायत जयरामनगर में हाट बाजार संचालित है ,जिसे माह मार्च में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिये सचिवों की बैठक में नीलाम किये जाने हेतु निर्देशित किया गया था, किन्तु आज दिनांक तक जयरामनगर बजार को नीलाम पर नहीं दिया गया है, जिससे ग्राम पंचायत को आर्थिक हानि हो रही है।








