विमल कांत की रिपोर्ट
भाषा के लिए मराठी , भोजपुरी सांसदों से ले प्रेरणा ।
Hindtimes news जोहार छत्तीसगढ़ पार्टी के बिलासपुर जिला प्रमुख ठा. शैलू छत्तीसगढ़िया ने क्लासिकल भाषा में मराठी भाषा के भी शामिल होने पर मराठी सांसदों को बधाई देते हुए प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा कि राज्य बने 24 साल हो गए लेकिन ये दुर्भाग्य है कि इस दौरान छत्तीसगढ़ से बने अब तक से वर्तमान तक के सैकड़ों सांसद छत्तीसगढ़ी समाज के लिए सफेद हाथी साबित हो रहा है क्योंकि अपवाद के 2-4 सांसद छोड़ दे तो किसी ने भी भाषा के लिए लड़ना तो दूर आवाज उठाना भी अभी तक जरूरी नई समझा है। जबकि इसी दौर में मराठी भाषा को वहा के नेताओं के बदौलत क्लासिक भाषा में शानदार तरीके से शामिल कर लिया गया है वही भोजपुरी सांसद भी भोजपुरी को शामिल करने के लिए लगातार जूझ रहे है लेकिन दुखद कि हमारे सांसद, भाषा अस्मिता को समझ नई पा रहे हैं जो हमारी मूल पहचान और संस्कृति की जड़ है।
उन्होंने आगे कहा कि पिछले कई चुनाव से यहां के 90 फीसदी सांसद भाजपा के होते हैं जिसकी केंद्र में भी मोदी सरकार हैं इसलिए इस पार्टी के सांसदों की ज्यादा जिम्मेदारी बनता है कि वो लामबंद होकर पुरजोर तरीके से आठवी अनुसूची की मांग को उठाए। साथ ही कांग्रेस सांसद को भी विपक्ष के तौर पर अपनी मांग रखनी चाहिए।
आखिरी में उन्होंने छत्तीसगढ़िया जनता से गुहार लगाया कि इस कार्यकाल के सांसद अनुसूची कि मांग नहीं करते हैं तो आने वाले चुनाव में ऐसी पार्टियो को हराकर बाहर किया जाए।








