

रिपोर्टर राकेश कुमार साहू।
Hindtimes news जांजगीर-चांपा।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा शिक्षकों का जो ट्रांसफर नीति है उसमें संशोधन करना चाहिए संशोधन के अंतर्गत स्थानीय टीचरों को वहीं के स्कूलों में नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे शैक्षणिक स्तर स्तर हिन हैं हो जाता है,।
जिससे कि पढ़ने का कम कम जो रहता है कमजोर होता है क्योंकि जिस गांव में रहता है शिक्षक उसे भाई नाम की चीज नहीं रहती इसलिए नहीं रहती की मनमानी ढंग से स्कूलों में आना-जाना करके कार्य संचालित करते हैं।
प्रदेश के कई स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में शिक्षक की कमी रहती है वह इसलिए कमी रहती है कि शहरी क्षेत्र के रहने वाले व्यक्ति को शिक्षक पद मिल जाता है और उसकी पोस्टिंग ग्रामीण इलाकों में होती है तो अपनी मां माफी स्थान मांग कर जहां सुविधा रहती है वही वह लोग पदस्त हो जाते हैं और ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल शिक्षक विहीन हो जाता है जहां एक शिक्षक रहता है पढ़ने के लिए वह मनमर्जी का कार्य करता है और है भय नाम का चीज नहीं रहता उसके मन में ।
हमारे संवाददाता का कहना यह है की ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में शहरी लोगों का पद स्थापना हो जाता है मगर समय पर स्कूलों में आते भी नहीं है आते भी हैं तो 11:00 बजे आएंगे समय से पहले चले जाएंगे।
ट्रांसफर नीति के अंतर्गत जिस जगह का निवासी है शिक्षक उसी जगह में न रखकर दूसरे विकासखंड में दूसरे स्थान के स्कूलों में दूसरे जिलों में स्थानांतरण कर शिक्षा पद्धति को उच्च स्तर पर पहुंचाने का कार्य हो पाएगा क्योंकि स्थानीय शिक्षक पढ़ते कम है शिक्षक अपने निजी कार्य से बाहर रहते हैं।
राज्य शासन शिक्षकों की जो उपस्थित संबंधित प्रकरण हाजिरी रजिस्टर रजिस्टर पद्धति को ना अपनाते हुए बायोमेट्रिक दिया जाना चाहिए डिजिटल हस्ताक्षर अभियान शिक्षकों का डिजिटल हस्ताक्षर तीन श्रेणी में होना चाहिए और अगर डिजिटल हस्ताक्षर प्रणाली चालू हो जाती है तो बहुत ही अच्छी रहेगी या हमारे संवाददाता ने बताया।
ट्रांसफर नीति के अंतर्गत किसी भी प्रकार की राजनीतिक हस्ताक्षेप नहीं होना चाहिए। इसलिए नहीं होना चाहिए कि कोई विधायक का आदमी रहता है तो कोई सांसद का तो कोई जिला पंचायत का हितेषी रहता है क्योंकि राज्य शासन का कर्मचारी है वह किसी नेता का कर्मचारी नहीं है कि उसको राजनीतिक लाभ मिले।
राज्य शासन स्थानीय स्तर के शिक्षकों की संबंधित क्षेत्र में कार्य निष्पादन की आदेश नहीं करना चाहिए जैसा कि पहले मध्य प्रदेश शासन था उस समय में बिलासपुर जिले का निवासी था शिक्षक उसे दंतेवाड़ा सीहोर सतना जैसे क्षेत्रों में पद स्थापना कर दी जाती थी दुरस्त अंचलों में सेवारत कर्मचारी था इस प्रणाली से अंतर्गत ट्रांसफर नीति में बदलाव करना चाहिए।
क्योंकि सरकारी स्कूल की पढ़ाई स्टार कमजोर इसलिए होती है जहां पर स्थानीय शिक्षकों की नियुक्ति कर दी जाती है जिससे विद्यार्थी के मन में भाई नहीं रहता जिसके कारण शिक्षक भी पढ़ते नहीं इसलिए प्राइवेट स्कूलों की पढ़ाई स्तर काफी अच्छी रहती है अनुशासन के अंतर्गत वहां पढ़ाई होती है।
राज्य शासन इस खबर की प्रकाशन के आधार पर ट्रांसफर नीति में संशोधन करें।

